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फिंगेश्वर का राजा दशहरा एक परंपरागत उत्सव fingeshwar raja dashhara aur mauli mata ki puja

Fingeshwar :- फिंगेश्वर का राजा दशहरा एक परंपरागत उत्सव 



Fingeshwar dashhara 15 October को


राजा दशहरा 3 अक्टूबर को शारदीय नवरात्र (Navratra)में माँ मौली माता के दरबार से प्रारम्भ होगा।


मौली माता की पूजा व दशहरा का उत्सव हर साल बड़े धूम धाम से 

फिंगेश्वर में राजा दशहरा का उत्सव हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह उत्सव नवरात्रि के दौरान शुरू होता है और दशहरा तक चलता है। इस उत्सव में मौली माता की पूजा की जाती है और राजपरिवार की कुलदेवी के रूप में उनकी आराधना की जाती है।


उत्सव का शुरआत नवरात्रि से 

उत्सव की शुरुआत नवरात्रि (Navratri) के पहले दिन से होती है, जब श्रद्धालुजन मौली माता (Mauli Mata) के दरबार में मनोकामना अखंड ज्योत प्रज्ज्वलित कराते हैं। इसके बाद, विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिनमें मां का पंचमी श्रृंगार, महासप्तमी महोत्सव, महाअष्टमी हवन और दशहरा शामिल हैं।


दशहरा के दिन विजय शोभा यात्रा 

दशहरा के दिन, राजा साहब की विजय और शोभा यात्रा निकाली जाती है, जिसमें अंचल के हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं। यह उत्सव फिंगेश्वर की संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। 

आयोजन मंगलवार को 

राजा साहब (Raja Sahab) का विजय एवं शोभायात्रा का आकर्षण एवं प्रतिक्षित आयोजन 15 अक्टूबर मंगलवार 2024 को होगा।

संस्कृति एवं परम्परा 

फिंगेश्वर राजा दशहरा एक ऐसा उत्सव है जो लोगों को एकजुट करता है और उन्हें अपनी संस्कृति और परंपरा के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करता है। यह उत्सव न केवल फिंगेश्वर (fingeshwar) के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है।

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