तेलासीपुरी धाम: में 12 अक्टूबर को होगा गुरुदर्शन मेला
तेलासीपुरी धाम: एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल
तेलासीपुरी धाम का इतिहास :-
तेलासीपुरी धाम का निर्माण 1840 ईस्वी के लगभग गुरु घासीदास के द्वितीय पुत्र बालक दास द्वारा किया गया था। यहां गुरु घासीदास का जीवन यापन चलता रहा और उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दिन यहीं पर ही बिताए थे। गुरु घासीदास ने सतनामी पंथ की स्थापना की थी और इस पंथ के माध्यम से उन्होंने समाज में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए थे
12 अक्टूबर को होगा गुरुदर्शन मेला :-
तेलासीपुरी धाम में हर साल गुरुदर्शन मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में देश-विदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और गुरुदर्शन मेले के दौरान यहां पर कई सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इस बार गुरु दर्शन मेला का आयोजन 12 अक्टूबर को होगा।
तेलासीपुरी धाम का महत्व:-
तेलासीपुरी धाम सतनामी पंथ के लोगों के लिए एक पवित्र स्थल है। और उनके जीवन के महत्वपूर्ण पलों को यहां पर देखा जा सकता है। तेलासीपुरी धाम का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल भी है।भैसा से आरंग मार्ग में ग्राम तेलासी स्थित है। जहां अमर दास की तपोभूमि हैं जिसे स्थानीय लोग तेलासी बाड़ा भी कहते है। तेलासी बाड़ा का निर्माण गुरु बालक दास जी के द्वारा किया गया था,गुरु बालक दास के निधन के बाद 1911 में तेलासी के साथ 273 एकड़ जमीन गणेशमल के पास गिरवी के द्वारा काबिज किया गया था, जिसे वापस लाने के प्रयास में समाज के सर्वोच्च गुरु असकरणदास एवं राजमहंत नैन दास कुर्रे के नेतृत्व में समाज के 103 लोग जेल गए थे। इसी कड़ी में 1986 में 26 April को मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा द्वारा उक्त जमीन को सतनामी समाज को देने का फैसला किया गया। और तब से लेकर आज तक यह जमीन सतनामी समाज के पास है और आज भी समाज की धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को बखूबी बयान करती है।
प्रशासनिक तैयारी:-
गुरुदर्शन मेले के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारी की है। मेले में श्रद्धालुओं के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। सुरक्षा, पेयजल, लाइटिंग और पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा मेले में श्रद्धालुओं के लिए कई सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
निष्कर्ष:-
तेलासीपुरी धाम एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। यहां गुरु घासीदास की कर्मभूमि है और सतनामी पंथ के लोगों के लिए यह एक पवित्र स्थल है। गुरुदर्शन मेले के दौरान यहां पर कई सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। तेलासीपुरी धाम का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल भी है।
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